पीजीआई चंडीगढ़ में स्टाफ पर ही लटकी बीमारी की तलवार, खासकर नर्सिंग स्टाफ हेपेटाइटिस-बी होने के डर से चिंतित
 
BY utrun / March 18, 2024
चंडीगढ़/यूटर्न/17 मार्च। एक चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में कार्यरत सेहत कर्मी खासकर नर्सें हेपेटाइटिस बी के रिस्क पर होने की तस्दीक हुई है। 
इस बात का खुद पीजीआई को एक स्टडी में पता चला
 है। स्टडी में चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि पीजीआई द्वारा फ्री में दिए जाने के बावजूद सिर्फ 59 प्रतिशत नर्सों ने ही हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन की तीनों डोज ली हैं।
दरअसल इस स्टडी के दौरान कुल 400 नर्सों का परीक्षण किया गया था। 1.25 प्रतिशत नर्सें हेपेटाइटिस बी से संक्रमित पाई गई थी। वहीं 80 प्रतिशत नर्सों को हेपेटाइटिस संक्रमण होने की संभावना को स्वीकार किया। स्टडी में कहा गया कि सुरक्षा प्रोटोकॉल और जानकारी के बीच भारी गैप पाया गया। स्टडी में यह भी सामने आया है कि 22 प्रतिशत नर्सों ने वैक्सीनेशन के बाद इम्यूनोग्लोबुलिन लेवल चेक करवाया। इससे सेहत कर्मियों में पर्याप्त इम्यूनिटी(रोग-प्रतिरोधक क्षमता) को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि इस स्टडी में यह भी कहा गया है कि हेपेटाइटिस बी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बड़ा सेहत संकट है। यह ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स के रूप में कर्मियों को हो सकता है जिसमें संक्रमित उपकरण का इस्तेमाल या दुर्घटना वश सुई लगना बड़ा कारण है। नर्सो में खासकर सुई से होने वाली इंजरी की संभावना ज्यादा बनी रहती है। स्टडी में इस प्रकार के 44 प्रतिशत मामले सामने आए हैं।
कई डिपार्टमेंट पर फोकस है स्टडी
इमरजेंसी, मेडिकल और सर्जिकल वार्ड समेत ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, ऑब्सटेट्रिक्स एरिया और डायलिसिस यूनिट पर फोकस करते हुए यह स्टडी की गई है। इसका मकसद स्वास्थ्य कर्मियों में इस दिशा में जागरूकता लाना, वैक्सीनेशन और सेफ्टी प्रैक्टिस को बढ़ावा देना है। स्टडी में कुछ सिफारिशें भी दी गई हैं। जिनमें अनिवार्य, ऑनगोइंग इन-सर्विस एजुकेशन प्रोग्राम, हेपेटाइटिस बी और अन्य संक्रमणों को लेकर मेनेजमेंट मॉड्यूल विकसित करना तथा सभी नर्सिंग स्टाफ के लिए अनिवार्य हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाना शामिल है।

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