पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की खनौरी सीमा पर हरियाणा पुलिस की ‘बर्बर’ कार्रवाई की निंदा
 
BY utrun / February 26, 2024
चंडीगढ़/यूटर्न/25 फरवरी।
 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए एक किसान के खिलाफ ‘हिंसा के बर्बर कृत्य’ के लिए हरियाणा पुलिस की निंदा की। खनौरी सीमा पर किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। किसान नेताओं ने भी किसान प्रीतपाल सिंह को लगी चोटों को लेकर हरियाणा पुलिस पर निशाना साधा। प्रीतपाल का इस समय चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज चल रहा है। अमरिंदर  सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि युवा किसान प्रीतपाल सिंह के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा की गई बर्बरतापूर्ण हिंसा की कड़ी निंदा करता हू। 
 
अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आग्रह किया कि उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो लोगों को लंगर परोस रहे एक निहत्थे युवक को बुरी तरह से पीटने के दोषी हैं। हरियाणा के पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर प्रीतपाल सिंह को जब घसीटा तब वह पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर ‘लंगर सेवा’ कर रहे थे। उसे ट्रैक्टर ट्रॉली से खींचकर पीटा गया और बाद में रोहतक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन बाद में उसे चंडीगढ़ के पीजीआई में स्थानांतरित करवा दिया गया है।
 
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगे आना चाहिए और प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए ताकि केंद्र और किसान नेताओं के बीच जारी गतिरोध समाप्त हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे ‘बर्बर कृत्य’ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शनिवार को हरियाणा में अपने समकक्ष को पत्र लिखकर मांग की कि प्रितपाल सिंह को पंजाब के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया जाए। इससे पहले बुधवार को बठिंडा के मूल निवासी शुभकरण सिंह (21) की खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों से झड़प के दौरान मौत हो गई थी। शुभकरण सिंह का अब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है क्योंकि किसान नेता उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने पर अड़े हैं। 18 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी।

s