यूक्रेन डैम तबाह होने से खतरे में 42 हजार लोग:क्या है डैम वॉरफेयर, जिसमें चीन के एक लाख लोग मरे; भारत को भी खतरा

BY utrun / June 09, 2023

कीव/मॉस्को/यूटर्न/9जून। 6 जून को यूक्रेन के सबसे बड़े डैम में से एक नोवा काखोवका पर हमला हुआ। इससे अब 42 हजार लोगों की जिंदगी बाढ़ की वजह से खतरे में पड़ गई है। आनन-फानन में यूक्रेन और रूस की सेनाएं अपने-अपने कब्जे वाले हिस्से में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर इस बांध को तोड़ने के आरोप लगाए हैं।

जंग के दौरान डैम यानी बांध पर किए जाने वाले हमलों को डैम वॉरफेयर कहा जाता है। 85 साल पहले चीन-जापान की जंग के दौरान डैम वॉरफेयर के चलते 1 लाख से ज्यादा चीनी नागरिक मारे गए थे।

नोवा काखोवका बांध टूटने के बाद खरसोन शहर के हालात ये तस्वीर बयां कर रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि बांध के आस-पास के इलाकों में हजारों लोगों के पास पीने तक के लिए पानी नहीं है। 30 गांव और कस्बे बाढ़ की चपेट में हैं।

लोग अपने सामान को प्लास्टिक के थैलों में भरकर ले जा रहे हैं। 10 हजार हेक्टेयर में फैली खेती पूरी तरह से पानी में समा चुकी है। बाढ़ की वजह से 2 हजार घर डूब चुके हैं।

बांध टूटने से जंग पर क्या असर पड़ेगा…

यूक्रेन काफी समय से रूस पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा था। अमेरिका और पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि इसके तहत पिछले हफ्ते से यूक्रेन ने पश्चिमी डोनेटस्क और खरसोन इलाके में हमलों को तेज कर दिया था। कई जगहों पर रूसी सेना को पीछे हटना पड़ा था।

बांध के टूटने से खरसोन की सड़कें, ब्रिज बाढ़ में समा चुकी हैं। ऐसे में यूक्रेनी सैनिकों को रूस पर हमला करने के लिए आगे बढ़ने में परेशानी होगी। जेलेंस्की के सीनियर एडवाइजर ने खुद इस बात को स्वीकारा है।

इसके अलावा बांध के टूटने से यूक्रेनी सैनिकों की सप्लाई चेन भी बाधित होगी। वहीं, रूस को अपने सैनिक मोबिलाइज करने का समय मिल जाएगा।

1400 साल पहले शुरू हुआ डैम वॉरफेयर
1400 साल पहले पर्शिया (आज का ईरान) के राजा साइरस ने यूफ्रेटस नदी की धार को बदलकर अपने सैनिकों को लिए रास्ता बनाया। ऐसा कर उसने एक रात में बेबिलोन को जीत लिया था। तब से दुनिया में डैम वॉरफेयर की शुरुआत मानी जाती है।

जंग के मैदान में दुश्मन सेना को रोकने या उसे पीछे धकेलने के लिए बड़े बांधों, नदियों या नहरों के पानी को भारी मात्रा में छोड़ा जाता है। इसे वाटर या डैम वॉरफेयर कहा जाता है।

इसके बाद मंगोलों ने 1200 ईसवी में मध्य एशिया के गुरजांग शहर को एक डैम तोड़कर तबाह कर दिया। इसमें 10 लाख लोगों की मौत हो गई थी। बांध तोड़कर जंग में जीत हासिल करने का सिलसिला तब से जारी है। 1500 ईसवी से 2000 के बीच नीदरलैंड और साउथ वेस्ट यूरोप में ज्यादातर बाढ़ जंग के समय ही आई थी। ये डैम वॉरफेयर का ही नतीजा था।

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