साइबर ठगों ने बदला ट्रेंड, कर रहे लाखों की ठगी , रिश्ता तय कर खुलवाते बैंक खाता, ठगी की रकम करते है ट्रांसफर, लोगों के फिंगर प्रिंट से ही मार रहे ठगी

BY utrun / March 13, 2023
लुधियाना/यूटर्न/12 मार्च। साइबर ठगों द्वारा लगातार अपना जाल इस कदर फैलाया जा रहा है, कि किसी व्यक्ति को इसकी आसानी से समझ तक नहीं लग पाती। इसी का फायदा उठा लोग लाखों रुपए गंवा बैठते है। आईटी के एक तरफ लोगों को फायदे हैं, लेकिन दूसरी तरफ इसके साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे है। अब साइबर ठगों द्वारा लगातार अपनी ठगी के तरीकों में बदलाव किया जा रहा है। पहले जहां मैसेज, लिंक भेज या रिश्तेदार बन ठगी की जा रही थी। लेकिन अब ठगों द्वारा नए तरीके अपना साइबर क्राइम किया जा रहा है। आईटी एक्सपर्ट योगेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि ठगों द्वारा एक तरफ तो लाटरी के नाम पर ठगी मार ली जा रही है। जिसके बाद लोगों से शादी करने के नाम पर उनके बैंक में अकाउंट खुलवाकर उन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है। ठग उसमें ठगी की रकम ट्रांसफर कर उसे व्हाइट बनाकर अपने खातों में ले रहे है। जिस कारण वे ट्रेस ही नहीं हो पाते। यहीं नहीं ठगों द्वारा अब तो लोगों को फ्रिंट प्रिंट इस्तेमाल कर ही फ्रॉड कर लिया जा रहा है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे है। लेकिन इन फ्रॉड्स का अहम कारण लोगों द्वारा अपग्रेड न होना है। बेशक लोग महंगे मोबाइल इस्तेमाल करते है। लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने व सुरक्षित रहने को खुद को अपग्रेड नहीं कर पा रहे।
महिलाओं की मैट्रिमोनियल एड से उठाते है नंबर
आईटी एक्सपर्ट योगेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि महिलाओं द्वारा शादी के लिए अखबारों में एड दी जाती है। जिससे ठगी शुरु होती है। उनके अनुसार अभी हाल ही में एक मामला सामने आया है। जिसमें एक लड़की ने अपनी शादी के लिए एड दी। उस पर एक विदेशी नंबर से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति व महिला ने खुद को अमेरिका के वसनीक बताया। लड़के ने अपनी फोटो भेजी और रिश्ता पसंद आने पर व्हॉट्सएप पर बातें शुरु हुई। 15 दिन बाद ही युवक ने शादी की बात कही और  लड़की को बैंक अकाउंट खुलवाने को कहा। युवक ने कहा कि वे खाते में पैसे डालेगा, तांकि अमेरिका आने के लिए अबेंसी को दिखाया जा सके। उन्होंने खाता खुलवा उसकी पासबुक व क्रैडिट कार्ड की सारी डिटेल युवक को दे दी।
लाटरी के पैसे ट्रांसफर कर लड़की से अपने खातों में डलवाए
योगेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि उक्त ठग युवक ने इसी बीच एक डॉक्टर से लाटरी निकलने के नाम पर 24 लाख की ठगी की। उसने सारी रकम लड़की के खाते में डाल दी। लड़की वालों को लड़के पर यकीन हो गया। जिसके बाद युवक ने चालाकी से उक्त सारी पेमेंट लड़की के जरिए अपने अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर डाली। लेकिन जब डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने मामला ट्रेस किया तो खुलासा हुआ।
विदाउट ओटीपी के फ्रिंगर प्रिंट से ही कर ले रहे ठगी
उन्होंने बताया कि पहले ठग मोबाइल पर ओटीपी भेज बहाने से उसे लेकर ठगी करते थे। लेकिन अब वे लोगों की सरकारी व प्राइवेट पोर्टल पर पड़ी फिंगर प्रिंट्स इस्तेमाल कर ठगी कर ले रहे है। उन्होंने कहा कि वे पोर्टल के लोगों को अपने साथ झांसा देकर मिला लेते है। जिसके बाद वहां सिस्टम में पड़ा लोगों के फ्रिंगर प्रिंट का डाटा लेकर लाखों रुपए फ्रॉड कर देते है। ऐसे ही कई मामले सामने आ चुके है।
साइट्स को भी ध्यान से खोले, कही खो न ले डाटा
योगेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि वेबसाइट्स के जरिए भी साइबर क्राइम की वारदातें बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर साइट्स HTTPS से खुलती है। जिसमें आखिर में लिखा S का मतलब सिक्योरिटी है। यानि कि साइट सुरक्षित है। लेकिन ठगों द्वारा HTTP लिखी साइट्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पता चलता है कि ये सुरक्षित है। बिना S लिखे वाली साइट्स ज्यादातर असुरक्षित होती है।
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