आईएमए के प्रधान डॉ. गौरव सचदेवा ने मेडिकल लाइन से उठाया पर्दा, टेक्नॉलजी के साथ अपडेट रहने के कारण बढ़ रही डॉक्टरों की फीस, हलकी दवा पर मेडिकल स्टोर से मिलते है डिस्काउंट
लुधियाना/यूटर्न/23 जनवरी। डॉक्टर्स को लोगों द्वारा भगवान माना जाता है, क्योंकि उनकी और से लोगों की जिंदगियां बचाने में हर संभव प्रयास किए जाते हैं। ऐसा भी देखने को मिला है की कई बार डॉक्टरों द्वारा मरीज की जिंदगी बचाने के लिए किसी भी हद तक जाकर इलाज को संभव बनाया जाता है। यह विचार आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के नवनियुक्त प्रधान डॉ. गौरव सचदेवा ने व्यक्त किए । जनहितैषी और यूटर्न टाइम से खास मुलाकात दौरान डा सचदेवा ने आईएमए की कार्यशैली, डॉक्टर्स के कार्यों और कई अनसुनी बातों से पर्दा उठाया। डॉ. सचदेवा ने बताया कि आईएमए की जिम्मेदारी तीन पॉट्स में होती है। जिसमें डॉक्टर्स को हर लेवल पर अपडेट करना, लोगों को अवेयर करना और डॉक्टरों व अस्पतालों की डिगनिटी का ध्यान रखना है। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण डॉक्टरी लाइन को काफी प्रभाव पड़ा है। जिसके चलते उनके प्रधान बनने के बाद वे आईएमए को एक अलग दिक्षा में लेजाने का प्रयास करेगें। जबकि प्रशासन के साथ मिलकर अवेयरनेस कैंप व मेडिकल कैंप भी आयोजित किए जाएंगे।
डॉक्टर भी इंसान हैं, हो सकती गलती
डॉ. गौरव सचदेवा ने बताया कि बेशक लोग डॉक्टरों को भगवान के सम्मान समझते है। लेकिन डॉक्टर भी इंसान है। गलती हर क्षेत्र में लोगों से होती है। कई बार मरीज का इलाज करते हुए डॉक्टरों से भी गलती हो जाती है। लेकिन फिर तोड़फोड़ व मारपीट करना सरासर गलत है।
महंगाई के कारण डॉक्टरों की फीस व टेस्ट हो रहे महंगे
डॉ. सचदेवा ने बताया कि लगातार महंगाई बढ़ रही है। सेहत विभाग में लगातार नई टेकनॉलजी आ रही है। डॉक्टरों को भी उस टेक्नॉलजी के साथ अपडेट रहना पड़ता है। जिसमें काफी खर्च आता है। जबकि महंगी मशीनें खरीदने में भी काफी पैसा लगता है। जबकि पूरा दिन लोगों का इलाज करना समेत सभी चीजों को देखकर ही डॉक्टर अपनी फीस व टेस्ट की फीस रखते है। इसी वजह से उनकी फीस बढ़ रही है। डॉ. गौरव ने बताया कि लुधियाना में उनकी तरफ से लोग भलाई के काम भी किए जा रहे है। जिसमें चैरीटेबल अस्पताल चलाना और कई अस्पतालों में जरुरतमंदों के लिए अलग से बैड मुहैया करना शामिल है। जबकि आईएमए के डॉक्टर हफ्ते में वीरवार व शनिवार दो दिन फ्री ओपीडी भी देते है, ताकि जरुरतमंद लोगों को भी इलाज मिल सके।
कम रेट पर मिलने वाली दवा का पैरामीटर होता है कम
वहीं डॉ. गौरव सचदेवा ने बताया कि हर दवा का कंपनी द्वारा पैरामीटर तय किया जाता है। अगर कोई दवा सस्ते रेट में व कुछ प्रतिशत डिस्काउंट में मिल रही है, तो उसका पैरामीटर भी कम होता है। मतलब कि कंपनी का पहले से पैरामीटर कम होता है। लेकिन जब उस दवा का इस्तेमाल किया जाए तो उसकी पॉवर और कम हो गई होती है। जबकि अच्छी दवा का पैरामीटर सही रहता है। जिससे वे एक्सपायर होने तक भी उसकी पॉवर नहीं कम हो पाती। इसी लिए मेडिकलों पर इस तरह हर दवा पर डिस्काउंट मिलता है।
डॉक्टर्स को कंपनियों से मिलने वाले गिफ्ट हुए बंद
लोगों में चर्चा रहती है कि डॉक्टरों द्वारा दवा बनाने वाली कंपनियों से गिफ्ट व कमिश्न ली जाती है। जिस पर डॉ. सचदेवा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा अब गिफ्ट व कमिशन को बिलकुल बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को दवा इस्तेमाल के बदले विदेशों में कांफ्रेस के ऑफर दिए जाते है। लेकिन इन कांफ्रेस में भी लोगों को सिर्फ अवेयर किया जाता है। लेकिन लोग इसे कमिशन कह देते है।
बड़े अस्पताल चैरिटेबल की आढ़ में सरकार से ले रहे टैक्स बैनिफिट फिर भी बैंक डिपॉसिटों पर कमा रहे ब्याज ।
बड़े अस्पताल चैरिटेबल की आढ़ में सरकार से ले रहे टैक्स बैनिफिट फिर भी बैंक डिपॉसिटों पर ब्याज कमा रहे है । स्मार्ट सिटी के डीएमसी जैस बड़े अस्पतालों सरकार से चैरीटेबल की आढ़ में सरकार से टैक्स बैनिफिट लेने के बावजूद महंगा इलाज देने के सवाल पर डॉ. गौरव सचदेवा ने कहा कि डीएमसी की और से आधुनिक तकनीकों के साथ मरीजों का इलाज किया जाता है। इसी लिए इलाज महंगा तो होगा ही। लेकिन डीएमसी जैसे अस्पतालों का ही सरकार से चैरिटेबल टैक्स बैनिफिट के साथ दूसरी तरफ बैंकों में करोंडो का फिक्स्ड डिपॉजिट रख ब्याज लेने के सवाल पर मामले में जानकारी न होने के बात कह बचते नजर आए । फिर भी उन्होंने कहा की मामले की जाँच करेंगे अगर अस्पताल की और से लोगों से गलत तरीके से ज्यादा पेमेंट ली जा रही है तो बिना रुके डीएमसी जैसे अस्पतालों पर एक्शन लिया जाएगा। किसी को भी इसका गलत फायदा उठाने नहीं दिया जाएगा।