दिनकर जयंती पर विचार चर्चा आयोजित , एससीडी कालेज में कराया गया प्रोग्राम
लुधियाना/यूटर्न/23 सितंबर। सतीश चंद्र धवन राजकीय महाविद्यालय लुधियाना के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनाई गई। राष्ट्रकवि दिनकर की 114 वीं जयंती के अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने उनके साहित्य पर विचार मंथन करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों ने दिनकर जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया, उनकी कविताओं का पाठ किया तथा उनके साहित्य पर चर्चा की। आधुनिक हिंदी साहित्य के महाकवि दिनकर की अमर कृतियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई जिनमें संस्कृति के चार अध्याय, रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, उर्वशी आदि शामिल रहे। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ सौरव कुमार ने दिनकर जी के जीवन के आंतरिक पक्षों का उल्लेख किया जिनमें उनका जीवन संघर्ष शामिल रहा है।
उन्होंने कहा कि अपने संघर्षरत जीवन में दिनकर जी ने खुद को तपाया है तब जाकर दिनकर की भांति वे आधुनिक हिंदी साहित्य में देदीप्यमान हैं। दिनकर गुलाम गुलाम भारत और आजाद भारत में समान रूप से लेखनी चलाई है। हालांकि दिनकर जी को कई बार राज्यसभा का सदस्य चुना गया परंतु वेजेस राजनीति दल से भी नामित हुए उसके खिलाफ भी उन्होंने अपन रचनाओं में बहुत कुछ कहा है। उनकी यह पंक्ति "सिंहासन खाली करो कि जनता आती है" भारतीय लोकतंत्र में मील का पत्थर सिद्ध हुई। इस अवसर पर नेहा और प्रिया ने मंच का संचालन किया तथा एमए हिंदी द्वितीय वर्ष के धन्नू सिंह, नेहा कुमारी, रजनी, विजय कुमार, कुंदन कुमार, आरती, नेहा, भानु ने अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। इस जयंती कार्यक्रम में प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. प्रदीप सिंह वालिया, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निशी अरोड़ा,विभाग की प्राध्यापक डॉ. मोनिका जैन व डॉ. संदीप, प्रोफेसर इंद्रजीत पासवान आदि मौजूद रहे।