पुनर्जोत ने मनाया राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा -- लोगों को नेत्रदान करने के लिए किया जागरुक BY utrun / August 27, 2022 लुधियाना/यूटर्न/27 अगस्त। यहां पुनर्जोत आई बैंक सोसाइटी द्वारा डॉ.रमेश सुपर स्पेशियलिटी आई एंड लेजर सेंटर में कार्यक्रम कराया गया। इस दौरान 37वें राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़े के दौरान लोगों को संदेश दिया गया। इस मौके पर नेत्र रोग विशेषज्ञ व पुनर्जोत आई बैंक सोसाइटी के डायरेक्टर डॉ.रमेश ने कहा कि नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक पूरे देश में आम जनता को नेत्रदान के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। जिसमें लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पुनर्जोत आई बैंक सोसाइटी लंबे समय से लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित कर नेत्रदान कर रही है। साथ ही पुतली बदलने का मुफ्त ऑपरेशन कराने की मुहिमम चला देश को अंधेपन से मुक्त कराने में योगदान दे रही है। कॉर्नियल ट्रांसप्लांट का सफर : पहला सफल कॉर्नियल प्रत्यारोपण 1905 में किया गया था। पहला नेत्र बैंक 1944 में स्थापित किया गया था। डॉ.जोसेफ मरे ने किडनी प्रत्यारोपण प्रक्रिया का बीड़ा उठाया था। जिसमें डॉ.रोनाल्ड ली हेरिक ने 1954 में अपने समान जुड़वां भाई को एक किडनी दान की थी। दुनिया भर में कुल 1.285 मिलियन लोगों के नेत्रहीन होने का अनुमान है। जिनमें से 39 मिलियन को नेत्रहीनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दुनिया भर में प्रत्येक 70 कॉर्निया प्राप्तकर्ताओं के लिए केवल एक कॉर्निया उपलब्ध है। भारत में 11 लाख से अधिक लोगों को कॉर्निया प्रत्यारोपण की आवश्यकता है। ऐसा अनुमान है कि भारत में प्रति वर्ष 1,00,000 कॉर्नियल प्रत्यारोपण को पूरा करने के लिए 2,70,000 डोनर आंखों की आवश्यकता होगी। कोविड महामारी के कारण नेत्रदान में 52% की गिरावट आई है। भारत में अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 50,953 आंखें दान की गईं, जिनमें से 27075 का प्रत्यारोपण किया गया। नारायण दास की जिंदगी रोशन : पुनर्जोत आई बैंक की ओर से ग्वालियर, मध्य प्रदेश से आए नारायण दास की आंख की पुतली का मुफ्त ऑपरेशन किया गया। उनके साथ आए ग्वालियर के एक प्रमुख समाजसेवी जगदीश अग्रवाल ने पुनर्जोत आई बैंक सोसाइटी की सेवाओं की सराहना की और कहा कि वह भी इस पुनरुद्धार अभियान के सिलसिले में ग्वालियर में नेत्रदान को बढ़ावा देते हुए देश में अंधेपन को समाप्त करने में अपना योगदान देंगे। कार्यक्रम में आई बैंक के मानद सचिव सुभाष मलिक, डॉ.परवेश, समाजसेवी गुरमीत सिंह, राजेश वर्मा, एसके ऋषि, जगदीश अग्रवाल की खास मौजूदगी रही।

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